दोस्तों आज हम James Clear की बुक ATOMIC HABITS के बारे में बताएंगे जिसके अंदर इतनी सारी काम की टेक्निक बताई गई है बताई गई है जिसके द्वारा आप अपनी हैबिट को बदल सकते हैं में कि तो चलिए शुरू करते हैं इस अमेजिंग लाइफ चेंजिंग कांसेप्ट को
Power of Tiny Habits: पैसे क्पाउंडिंग तो हम सब समझते हैं पर आप हैबिट्स कंपाउंडिंग को समझते हैं एक्चुअली Compunding नंबर का खेल है जरा सोचें 1 दिन में आप अपने को कितना बेहतर बना सकते हो कम से कम 1% आपके मन में यह सवाल आएगा कि इससे क्या होगा
लेकिन बस इतने की ही जरूरत है अगर आप रोज अपने को एक पर्सेंट बैटर बनाते हो तो साल में आप 37% बैटर बन सकते हो मान लोगे कि 365 दिन कंसिस्टेंटली मेंटेन नहीं कर सकते लेकिन हफ्ते में 5 दिन तो कर ही सकते हैं या तीन दिन यानी कि अगले 5 सालों में आप अपने बड़े से बड़े गोल को अचीव कर सकते हो |
वही अगर आप अपने आप को एक परसेंट रोज कुछ ऐसा करते हो जो आपको आपके गोल से दूर ले जाता है तो आप 0.03% पर आ जाओगे यानी कुल मिलाकर आप Starting Point पर ही खड़े रह जाओगे बस यही सारा खेल है अगर आप सही डायरेक्शन में जा रहे हो तो टाइम आपके हर स्टेप को मैग्नीफाई करके आप को मंजिल तक पहुंचा देगा वही गलत डायरेक्शन में जाओगे तो तो यही टाइम आपका दुश्मन बन जाएगा और आपको आपके गोल से दूर ले जाएगा
इस बात को जेम्स ने ब्रिटिश साइकिल टीम की सक्सेस स्टोरी की मदद से समझाया है ब्रिटिश साइकिलिंग टीम एक नॉर्मल परफॉर्मिंग टीम थी इसमें केवल एक ओलंपिक गोल्ड हासिल किया लेकिन साल 2003 में एक नए कोच देव को अप्वॉइंट किया |
देव के आने के बाद अगले 10 सालों में तीन ने 62 ओलंपिक गोल्ड और पांच अलग-अलग चीजों में गोल हासिल किया जीत हासिल की और यह सब ब्रेड की टेक्निक एग्रीगेशन ऑफ मार्जिन से हुई इसके मुताबिक अगर एक साइकिलिस्ट साइकिलिंग से जुड़ी हर चीज में एक परसेंट का इंप्रूव हो तो उसका ओवरऑल इंप्रूवमेंट काफी हो जाएगा |
इसलिए उसने हर छोटी-छोटी चीज में चेंजिंग किए जैसे साइकिल के टायर को लाइट और उसकी साइकिल सीट आरामदायक बनाई साइकिलिंग सूट से लेकर खाने तक और हाथ धोने के तरीके तक को बदल दिया इन सब छोटे-छोटे चेंज जिससे ब्रिटिश साइकिलिंग टीम एक आम टीम से नंबर वन टीम बन गई |
Power of Identity : आप अपनी आदतें क्यों नहीं बदलते क्योंकि या तो आप गलत चीज को बदलने की कोशिश कर रहे हो या फिर आप का तरीका ही गलत है यह यूनिवर्सिटी में ओल्ड एज के दो ग्रुप पर हुई रिसर्च के मुताबिक जो लोग अपने बुढ़ापे को लेकर Positive Thoughts रखते थे उनकी लाइफ Negative Thoughts रखने वालों से 7.6 Years ज्यादा हुई |
यह अपने आप में एक बहुत बड़ा नंबर है क्योंकि कोई भी चीज लाइफ एक्सपेक्टेंसी को इतना नहीं बढ़ाती ऐसा इसलिए क्योंकि जो बुढ़ापे के बारे में पूछते हैं उनके पास जीने की इच्छा है इसलिए वह मेंटल और फिजिकल दोनों लेवल पर ख्याल रखते हैं वही Negative Thoughts वाले हमेशा खुद को बीमार और अकेला सोचते है |
(Behavior Change)बिहेवियर चेंज के 3 लेयर होते हैं
(1) रिजल्ट या आउटकम
(2) आउटकम तक पहुंचने का प्रोसेस
(3) आईडेंटिटी
आपका माइंड सेट जर्नली कुछ अचीव करने के लिए पहले गोल सेट करता हैं फिर उसका प्रोसेस डिजाइन करता हैं जैसे
मुझे अगले 5 महीने में 10 किलो वजन कम करना है -outcome
मुझे रोज 2 घंटे वर्कआउट करना है और हेल्दी खाना खाना है- Process
लेकिन प्रॉब्लम यह है कि यह तरीका कुछ दिनों बाद बोरिंग हो जाता है और लोग कंसिस्टेंसी मेंटेन नहीं कर पाते इसलिए जेम्स बिहेवियर चेंज पर ले जाने की बात करते हैं जिसके मुताबिक आप जो हासिल करना चाहते हैं उसको अपनी आइडेंटिटी का हिस्सा बना लें यानी आप अपने Mindset और Believe system में शामिल कर लें |
जिससे अगर आप खुद को ऐसा मानने लगे जो कभी वर्कआउट मिस नहीं करता तो आप चाहे कितना भी बिजी हूं आप workout के लिए टाइम निकाल लेंगे क्योंकि आपको अपनी आइडेंटिटी मेंटेन रखनी है और हमेशा एक्शन को मॉडिफाई करना है |
इसलिए कहा जाता है कि आप जो सोचते हैं वही बन जाते हो आपका माइंड सेट और बिलीफ सिस्टम जैसा होगा आपका ब्रेन उसी के हिसाब से एक्शन डिजाइन करेगा और उसका आउटकम भी वैसा ही मिलेगा |
Rootless Elmination : जनरेशन के सबसे बड़ी प्रॉब्लम है फोकस की कमी हमें यही नहीं पता कि हमारी work क्या है एक जमाना था जब हर इंसान को अपना काम पता था और वह बस उसी पर फोकस करता था और उसे कामयाबी भी आसानी से मिल जाती थी लेकिन आज क्या हो रहा है individual हो या ऑर्गेनाइजेशन हो हर जगह
कस्टमर सेटिस्फेक्शन चाहिए
काम में क्वालिटी चाहिए
काम में क्वांटिटी भी चाहिए
लेकिन जेम्स कहते हैं कि चीजें जितनी ज्यादा सिंपलीफाइड होंगी उन पर फोकस करके काम करना उतना ही आसान होता है जैसे अगर आप एक स्टूडेंट हैं तो आपका ध्यान केवल स्टडी में होना चाहिए और आपका पूरा रूटीन उसके इर्द-गिर्द घूमना चाहिए आप बाकी कामों को उसके हिसाब से मैनेज करें ना कि कामों के मुताबिक स्टडी |
उसी तरह बिजनेस एक्सपेंशन प्लान बना रहे हैं तो एक बार में एक ही प्रोडक्ट पर फोकस करें उसके बाद अगले प्रोडक्ट के बारे में सोचो चीजों को सिंपलीफाई करें |
हमारा ब्रेन इसी के लिए डिजाइन है कि हम एक बार में एक ही चीज पर फोकस कर सकते हैं मल्टीटास्किंग का कांसेप्ट आपको क्वांटिटी या वर्क दे सकता है पर क्वालिटी नहीं दे सकता |
आइए देखते हैं कि ऐसा क्यों है जिसके 1 पैनल को हजार के सिक्के पैनल
Enfield Energy: जेम्स कहते हैं कि वही लोग एक्सपर्ट बनते हैं जो अपने काम में कंसिस्टेंट रहते हैं कंसिस्टेंसी को मेंटेन रखने के लिए मशहूर कॉमेडियन एनफील्ड की कॉमेडी के बारे में बताया है एक बार उभरते हुए कॉमेडियन का इंटरव्यू लिया गया और उनसे पूछा गया कि आप नए उभरते हुए कलाकारों के लिए क्या मैसेज देना चाहते हैं तो उन्होंने कहा की अच्छी परफॉर्मेंस के लिए आपको अच्छे जोक्स की जरूरत होती है |
और अच्छे जोक्स के लिए आपको रोज जोक्स सीखने की आदत डालनी पड़ेगी इसके लिए उन्होंने कहा कि एक बड़ा वॉल कैलेंडर लो और रोज जोक्स लिखना स्टार्ट करो इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि आपने कैसा जोक्स लिखा
लेकिन आपको लिखना है और लिखने के बाद उस डेट को रेड मार्कर से क्रॉस करना है धीरे-धीरे आपकी लिखने की आदत पड़ जाएगी इसके बाद आपका ब्रेन किसी भी कीमत पर रेड क्रॉस करने की चेन को ब्रेक नहीं करना चाहेगा आप चाहे कितना भी बिजी हो आपको एक जोक्स को लिखने का टाइम मिल ही जाएगा |
आपको 100 pushup तक पहुंचना है तो रोज 5 pushup जरूर करो यह काफी आसान है आप क्या करते हो इससे कोई फर्क नहीं पड़ता बस आपको रोज कोशिश करनी है और कैलेंडर पर रेडमॉक करना है ऐसा करते हुए 1 दिन आप हंड्रेड के गोल्ड तक पहुंच जाओगे |
अगर आप शुरू में ही अपने लिए एक बड़ा गोल रख लोगे तो खुद को थका डालोगे और बीच में ही Quit कर लोगे इसलिए एक सेंट्रल आईडिया यह है कि Don't Break The Chain
तो दोस्तों यह थे जेम्स क्लियर की बुक एटॉमिक हैबिट्स जिनसे आप अपनी ब्रेन को बड़े से बड़े काम करने के लिए ट्रिक कर सकते हो |
हमारी लाइफ का बहुत सारा पार्ट हमारे हैबिट्स का ही नतीजा है हम अपनी लाइफ का 40% हिस्सा विजुअल चीजों को करने में लगाते हैं और केवल 60% ही के लिए ही कुछ सोचते हैं इसलिए हमारी सक्सेस काफी हद तक हमारी आदतों पर निर्भर करती है |
आज को बदलने के लिए सबसे पहले अपने आप को सिंपलीफाई करना है उसके लिए थोड़े से स्टेप्स लेने हैं |
1. स्टोन हैबिट सेलेक्ट करनी है |
2. इन्वायरमेंट को हैबिट फ्रेंडली बनाना है |
3.कंसिस्टेंसी मेंटेन रखनी है |
फिर आप जो चाहो उस चीज को पॉसिबल कर सकते हो आपको अच्छा लगा है तो आप इसको शेयर करें |